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IGNOU MHD 12 भारतीय कहानी दीदी Bharteey Kahani Didi

इस ब्लॉग में हम इग्नू एम ए हिंदी की द्वितीय वर्ष में निर्धारित पाठ्यक्रम MHD 12 भारतीय कहानियां के अंतर्गत दीदी नामक कहानी का कथासार प्रस्तुत करेंगे यह कहानी मलयालम भाषा की कहानी है जिसके लेखक एम टी वासुदेवन नायर जी है इस कहानी का हिंदी अनुवाद वी दी कृष्णन नम्पियार जी ने किया है । यह एक बहुत ही मार्मिक कहानी है

IGNOU MHD 12 भारतीय कहानी दीदी Bharteey Kahani Didi

IGNOU MHD 12 भारतीय कहानी दीदी Bharteey Kahani Didi

'दीदी' कहानी का कथानक 

कहानी के पात्र : 

  • अप्पू (4 साल का बच्चा), दीदी (अप्पू की माँ ), नानी (दीदी की मां ), अप्पू के मामा, शंकरन नायर 

कथानक

  • अप्पू एक 5-6 साल का बच्चा है जिसका जन्म उसकी मां की कोख से विवाह से पहले हुआ है इसलिए नानी दीदी को बहुत भला बुरा कहकर ताने मारती है और अप्पू और दीदी को भी खूब गालियां देती है जिस कारण अप्पू नानी को पसंद नहीं करता है। 

  • अप्पू की नानी उसे अपनी मां को दीदी के नाम से पुकारना सिखा देती है । अप्पू अपनी मां को दीदी के नाम से पुकारने लगता है और वह दीदी से बेहद प्रेम करता है। अप्पू की दीदी भी अप्पू से बहुत प्यार करती है और उसका बहुत ख्याल रखती है और अपने अतीत को सोचकर बात बात पर रोती रहती है।

  • अप्पू हमेशा इस बात से परेशान रहता है कि उसकी दीदी बात-बात पर रोती क्यों रहती है और अपने आप को कोशती क्यों रहती है। अप्पू कभी भी दीदी के परेशान होने की वजह ही नहीं समझ पाता वह इस वजह को अपनी नानी से भी जानना चाहता है परंतु नानी का स्वभाव दीदी और अप्पू के प्रति अच्छा नहीं है जिससे वह नानी से भी इसकी वजह नहीं पूछता। 


  • अप्पू की नानी दीदी को आए दिन ताने मारते रहती है और गाली देती रहती है जो अप्पू को बहुत ही बुरा लगता है और वह सोचता है की दीदी की मां अच्छी नहीं है क्योंकि वह दीदी को बात-बात पर डांटती रहती है।

  • अप्पू के मामा भी है और दीदी की इस हरकत से शर्म के मारे घर छोड़कर चले गए है और उन्होंने यह दावा किया है कि वह जिंदगी में कभी भी घर में कदम नहीं रखेंगे। एक बार वह घर आते भी है परंतु घर के दरवाजे पर ही खड़े होकर अप्पू की नानी और दीदी दोनों को अपशब्द कहकर चले जाते है।


  • जब अप्पू को यह मालूम चलता है कि वह उसके मामा है तो उसको बहुत बुरा लगता है क्योंकि वह अपने मामा की तुलना अपने दोस्त के मामा से करने लग जाता है जो उसके दोस्त के लिए बहुत सारे खिलौने लाते हैं।


  • अप्पू की नानी दीदी के लिए शंकरन नायर से रिश्ते खोजने की बात करती है और इस पर दीदी बहुत दुखी होती है और कहती है कि अगर शादी की तो अप्पू का क्या होगा तब नानी दीदी को धमकाती है और कहती है यह तो जैसे तैसे बड़ा हो ही जाएगा तू तो जीवन भर ऐसे नहीं बैठे रहेगी।


  • अप्पू के बारे में मन ही मन सोचकर दीदी घर के किसी कोने में बैठकर रोने लगती और यह देखकर अप्पू बड़ा दुखी होता और कहता दीदी तो पागल है बिना बात पर रोती रहती है।


  • हालांकि शंकर नायर से रिश्ते की बात करते समय नानी इस बात से भी घबराती है कि अप्पू के बारे में पता चलने पर दीदी का रिश्ता नहीं हो पाएगा इस पर संकरन नायर कहता है कि वह सब संभाल लगा बस शर्त यह है कि रिश्ते वालों को अप्पू के बारे में कोई भनक न लगे 


  • दीदी अप्पू को प्रतिदिन प्यार से स्कूल भेजती और स्कूल से आने पर अप्पू को अपने हाथ से खाना खिलाती और जैसे ही शादी का ख्याल मन में आता है तो परेशान होकर रोने बैठ जाती। अप्पू फिर कहता पता नहीं दीदी कितनी पगली है बिना बात पर रोती रहती है।

  • फिर एक दिन दीदी को देखने रिश्ते वाले आते हैं और शादी की बात तय हो जाती है और दीदी को सुबह ससुराल जाना होता है।

  • अगले दिन सुबह दीदी अप्पू को जगाती है और तैयार करके अपने हाथों से खाना खिलाती है और अप्पू से कहती है कि खूब पढ़ाई करना, नानी की बात मानना, नानी को परेशान मत करना, स्कूल में किसी से लड़ाई मत करना और यह सब कहते हुए अपने हृदय को कठोर करते हुए अपने आंसुओं को रोकती है और फिर अप्पू से कहती है कि वह उसे एक बार 'मां' कहकर पुकारे 

  • इस पर अप्पू बड़ा हैरान होता और कहता कि दीदी को मां कैसे कह सकते हैं। अप्पू मानता है कि मां अच्छी नहीं होती क्योंकि दीदी की मां दीदी को कितनी गालियां देती है इसलिए वह मां के तुलना में दीदी शब्द को सही समझता है। दीदी अप्पू के माथे को चूमती है और उसको स्कूल के लिए विदा कर देती है 


  • जब अप्पू स्कूल से आता है तो वह बस्ता रखकर दीदी को आवाज लगाता है परंतु अंदर से दीदी की बजाय नानी की आवाज आती है पप्पू नानी से पूछता है दीदी कहां है, नानी कहती है दीदी कहीं गई है आ जाएगी।

  • अप्पू बहुत परेशान होता है और पूछता है कहां गई है? कब गई है? मुझे क्यों नहीं बताया उसने?


  • नानी कहती है जब दीदी आएगी तो पप्पू के लिए गेंद लाएगी। अप्पू गुस्सा होकर कहता है कि जब वह गेंद आएगी तो वह गेंद को फेंक देगा और वह दीदी से बात भी नहीं करेगा।

  • फिर वह सोचता है अगर दीदी गेंद के साथ मिठाई भी लाएगी तो क्या करना चाहिए ? दीदी पागल है। दीदी सच में पागल है। बता कर नहीं जा सकती थी ? 



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