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Showing posts from October, 2024

ज्ञान का अर्थ और उसके प्रमुख सिद्धांत Gyaan Ka Arth Aur Uske Siddhant, Meaning of Knowledge and Its Principles

ज्ञान का अर्थ क्या होता है? What is the meaning of Knowledge? ज्ञान की विभिन्न परिभाषाएं Different Definitions of Knowledge. अनुभवाद का सिद्धांत क्या है? What is the theory of empiricism? बुद्धिवाद का सिद्धांत क्या है? What is theTheory of rationalism प्रयोजनवाद का सिद्धांत क्या है? तर्कवाद का सिद्धांत क्या है? योगवाद का सिद्धांत क्या है? समीक्षावाद का सिद्धांत क्या है? ज्ञान का अर्थ  ज्ञान शब्द 'ज्ञ' धातु से बना है जिसका अर्थ है:- जानना, बोध, साक्षात अनुभव अथवा प्रकाश। सरल शब्दों में कहा जाए तो किसी वस्तु अथवा विषय के स्वरूप का वैसा ही अनुभव करना ही पूर्ण ज्ञान है। उदाहरण के लिए मान लीजिये कि यदि हमें दूर से पानी दिखाई दे रहा है और निकट जाने पर भी हमें पानी ही मिलता है तो कहा जाएगा अमुक जगह पानी होने का वास्तविक ज्ञान हुआ।  इसके विपरीत यदि निकट जाकर हमें पानी के स्थान पर रेत दिखाई दे क्यों कहा जाएगा कि अमुक जगह पर पानी होने का जो बोध हुआ वह गलत था। ज्ञान एक प्रकार की मनोदशा है। ज्ञान, ज्ञाता के मन में पैदा होने वाली एक प्रकार की हलचल है. हमारे मन में अनेक विचार आते हैं और हमा...

शिक्षण व्यूह रचना का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and definition of teaching strategy)

                                     शिक्षण व्यूह रचना का अर्थ एवं परिभाषा                       (Meaning and definition of teaching strategy) शिक्षण व्यूह रचना के विकास के लिए जो क्रियायें शिक्षण करता है, उन्हें शिक्षण युक्तियां कहते हैं।शिक्षण का व्यवहार तथा प्रभाव जो शिक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होते हैं उन्हें भी शिक्षण युक्ति माना जाता है। इनकी सहायता से शिक्षक अनुदेशन को प्रयुक्त करता है और छात्र तथा शिक्षक के मध्य अन्तःप्रक्रिया होती है।शिक्षक युक्तियों का विस्तार अशाब्दिक व्यवहार से लेकर शाब्दिक व्यवहार तक होता है। शिक्षक के दोनों ही प्रकार के व्यवहार सार्थक होते हैं और छात्र के व्यवहार से संबंधित होते हैं। शिक्षण व्यूह रचनाओं के प्रकार व्याख्यान व्यूह रचना प्रदर्शन व्यूह रचना खोज व्यूह रचना ऐतिहासिक खोज विधि परियोजना व्यूह रचना गृह कार्य टी ग्रुप रचना अथवा नेता विहीन समूह मस्तिष्क उद्वेलन पात्र अभिनय टोली शिक्षण भाष...

माध्यमिक शिक्षा मुदालियर आयोग 1952-53 madhyamik Shiksha mudaliar aayog

 माध्यमिक शिक्षा मुदालियर आयोग 1952-53। माध्यमिक शिक्षा आयोग द्वारा निर्धारित शिक्षा के उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा मुदालियर आयोग 1952-53 madhyamik Shiksha mudaliar aayog  माध्यमिक शिक्षा मुदालियर आयोग 1952-53 माध्यमिक शिक्षा के उद्देश्य व्यवसायिक कुशलता की उन्नति नेतृत्व का विकास  जनतंत्रीय नागरिकता का विकास इस लेख को पढ़ने के बाद आप निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम होंगे  माध्यमिक शिक्षा आयोग अथवा मुदालियर आयोग 1952-53 का विस्तृत विवरण दीजिए। मुदालियर आयोग के अनुसार शिक्षा के क्या उद्देश्य है होने चाहिए। मुदालियर कमीशन मुदालियर आयोग के अनुसार शिक्षा के क्या उद्देश्य होने चाहिए।  मुदालियर आयोग के व्यवसायिक शिक्षा संबंधी चुनाव क्या है ? माध्यमिक शिक्षा मुदालियर आयोग 1952-53 (Secondary Education Commission (Mudaliar Commission) 1952-53) स्वतंत्र भारत में आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों में अत्यंत दुर्गति से परिवर्तन हो रहे थे। इन परिस्थितियों में समन्वय की भावना स्थापना करने के लिए माध्यमिक शिक्षा का पुनर्गठन करने की आवश्यक...

मनोविज्ञान का शिक्षा पर प्रभाव Manovigyaan ka Shiksha Par Prabhaw

मनोविज्ञान का शिक्षा पर प्रभाव  Manovigyaan ka Shiksha Par Prabhaw शिक्षा का उद्देश्य मानव की क्षमता और योग्यता का विकास करना है। मनोविज्ञान का लक्ष्य मानव के व्यवहारों का अध्ययन करना है। मानव की योग्यताओं का विकास तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उसके व्यवहारों का पूरी तरह से ज्ञान प्राप्त न कर लिया जाए। वास्तव में मनोविज्ञान ही शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता पहुंचाता है। मनोविज्ञान ने शिक्षा के सिद्धांत तथा प्रयोग में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। मनोविज्ञान हमें यह दर्शाता है कि बालक की शिक्षा कब, कैसे तथा किस अवस्था में प्रारंभ की जानी चाहिए। शिक्षा का स्वरूप, सीखने की सर्वश्रेष्ठ विधि व चरित्र का सर्वोत्तम विकास आदि बातों का ज्ञान मनोविज्ञान ही हमें देता है। शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान ने बहुत ही महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं जिनका विवरण इस प्रकार है बाल केंद्रित शिक्षा प्राचीन काल में शिक्षा का केंद्र अध्यापक था। बालक का स्थान द्वितीय था। आज शिक्षा बाल केंद्रित है प्रत्येक बालक की तरफ अलग से ध्यान दिया जाता है। शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक शिक्षा...